Saturday, December 20, 2008

पुरुषसूक्तम्-१०

तस्मादश्वा अजायंत ये के चोभयादतः। गावो जज्ञिरे तस्मात्तस्माज्जाता अजावयः॥१०॥

तस्मात्पूर्वोक्ताद्यज्ञादश्वा अजायंत। उत्पन्नाः। तथा ये के चाश्वव्यतिरिक्ता गर्दभा अश्वतराश्चोभयादत उर्ध्वाधोभागयोरुभयोर्दंतयुक्ताः संति तेऽप्यजायंत। तथा तस्माद्यज्ञाद्गावश्च जज्ञिरे। किं तस्माद्यज्ञादजावयश्च जाताः।

उस यज्ञ से अश्वों का जन्म हुआ। तथा अश्व को छोड़कर जो गदर्भ आदि पशु हैं तथा जो उभयादत अर्थात् उपर और नीचे दोनों दंतपंक्तियों से युक्त हैं, उनक पशुओं का भी जन्म हुआ। उस यज्ञ से गावों का जन्म हुआ। इसके अतिरिक्त उस यज्ञ से भेड़-बकरियों का भी जन्म हुआ।
Comments: Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]





<< Home

This page is powered by Blogger. Isn't yours?

Subscribe to Posts [Atom]